Tuesday, March 8, 2011

देश के ह्रदय ने रचा कीर्तिमान

रांची में आयोजित ३४वें राष्ट्रीय खेलों में मध्यप्रदेश ने लगाया पदकों का शतक, अब तक का श्रेष्ठ प्रदर्शन कर जीते १०३ पदक

सुख का दाता, सब का साथी, अपना मध्य प्रदेश है...गीत की ये पंक्तिया देश के ह्रदय यानी मध्य प्रदेश में वर्तमान समय में हर तरफ गुंजायमान है! ये पंक्तिया प्रदेश के गौरव गाथा का बखान बड़े ही अनुपम ढंग से कर लगातार युवाओ को प्रेरित कर रही है! गीत की पंक्तियों का असर अभी हाल ही रांची में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में भी देखने को मिला जहा ये पंक्तियाँ प्रदेश के खिलाड़ियों को लगातार जीत के लिए प्रेरित करती दिखाई दे रही थी और प्रदेश के रणबांकुरे कीर्तिमान पे कीर्तिमान गढ़ते जा रहे थे! झारखण्ड की राजधानी रांची में हुए ३४वें राष्ट्रीय खेलों में देश के ह्रदय ने अब तक हुए राष्ट्रीय खेलों का सर्वश्रेष्ट प्रदर्शन कर पदकों का शतक लगाया! राष्ट्रीय खेलों में हमने २५ स्वर्ण, ३२ रजत और ४६ कांस्य सहित १०३ पदक जीतकर नया कीर्तिमान गढ़ा! यह हमारा इन खेलों के दौरान अब तक का श्रेष्ठ प्रदर्शन था इससे पहले २००७ में गुवाहाटी में आयोजित ३३वें राष्ट्रीय खेलों में प्रदेश के खिलाड़ियों ने १२ स्वर्ण, १९रजत और १९ कांस्य सहित ६३ पदक जीतकर पदक तालिका में १२वां स्थान प्राप्त किया! लेकिन इस बार देश के दिल ने खेलों में नई इबारत गढ़कर पदक तालिका में सीधे ४ स्थानों की छलांग के साथ ८वां पायदान हासिल किया! झीलों के शहर में लगातार अभ्यासरत केनोइंग व क्याइंग के खिलाड़ियों ने सबसे ज्यादा पदक जीतकर भोपाल की बड़ी झील को गौरवान्वित करने का मौका प्रदान किया! प्रदेश के स्टार तैराक संदीप सेजवाल ने ३ स्वर्ण, १ रजत और १ कांस्य के साथ पांच पदक जीतकर सबसे ज्यादा पदक अपनी झोली में डाले! संदीप सेजवाल ने पानी से सोना निकाल कर प्रदेश की धरा को स्वर्णिम कर दिया! खेलों के दौरान तैराकी स्पर्धा में प्रदेश के नाम एक नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी देखने को मिला जब संदीप सेजवाल ने ५०मीटर ब्रेस्ट स्ट्रोक तैराकी स्पर्धा २९:०३ सेकंड में पूरी की! पानी में गढ़ा गया यह रिकॉर्ड भावी खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनने का काम करेगा! प्रदेश के खिलाड़ियों ने कुश्ती, बुशु, कराटे, ताइक्वान्दो, शूटिंग, बोक्सिंग में भी अपनी प्रतिभा दिखा सफलता के झंडे गाढ़ दिए! राष्ट्रीय खेलों का ताज भले ही सेना को चला गया लेकिन देश का ह्रदय अपने खिलाड़ियों के द्वारा रची गई ऐतिहासिक विजय गाथा से गदगद नजर आ रहा है! जिस प्रदेश में खेलों को संवारने के लिए अथक प्रयास किये जा रहे है उस प्रदेश की अपने खिलाड़ियों से यही उम्मीद है की वे अपना और अपने प्रदेश का लगातार डंका बजाते रहे! अंत में मध्य प्रदेश गीत की पंक्तियों का अंत प्रदेश और उसके रणबांकुरों को समर्पित है जो कुछ इस तरह है...हॉकी की नर्सरी,जलक्रीड़ाये, खेल यहाँ अनेक है, देश का ह्रदय हर खेल में खिलाडियों से लवरेज है!
यही धरा है जिस पर जड़ा दोहरा शतक सचिन ने, यही धरा है जहा से निकले समीर और शिवेंद्र है!
सुख का दाता, सब का साथी, शुभ का ये संकेत है, माँ की गोद,पिता का आश्रय अपना मध्य प्रदेश है!

Sunday, March 6, 2011

उम्दा बल्लेबाजी, गुमशुदा गेंदबाजी

२८ साल बाद विश्व कप जीतने का सपना संजोए बैठी टीम इंडिया ने उपमहाद्वीप में खेले जा रहे विश्व कप के दशवे संस्करण के शुरूआती मुकाबले में कमजोर बांग्लादेश को ८७ रन से हराकर २००७ में मिली हार का हिसाब चुकता किया! वही इंग्लिश टीम के खिलाफ खेला गया दूसरा मैच रोमांच के चरम पर पहुँच कर टाई हो गया! टीम इंडिया के दोनों मैचों का विश्लेषण करने पर ये साफ़ जाहिर हो गया की जहा हमारे बल्लेबाज उम्दा प्रदर्शन कर रहे है वही हमारे गेंदबाज विश्व कप में अब तक छाप छोड़ने में नाकामयाब साबित हुए है!


छाया "वी" फेक्टर का दबंग- बांग्लादेश से चार साल पहले मिली हार का जख्म शायद अब तक भरा नही था जिसने पहले दौर की बाधा पार करने से पहले ही टीम इंडिया को घर वापस भेज दिया! उन्ही जख्मो को भरने का ये सुनहरा मौका था जिसमे टीम इंडिया ने फतह हासिल की! दशवे संस्करण की शुरूआती जंग का गवाह बना मीरपुर का शेरे बांगला स्टेडियम! जहा धोनी के धुरंधरों ने ८७ रन से जीत हासिल कर चार साल पुरानी हार को पीछे छोड़ जीत के अभियान को आगे बढाया! बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए मैच में"वी " फेक्टर यानी वीरेंदर सहवाग और विराट कोहली का दबंग हर तरफ छाया रहा! "वी" फेक्टर ने अपनी पारी के दौरान आक्रामकता, धेर्य, कलात्मकता और कौशल का परिचय देते हुए तीसरे विकेट के लिए २०३ रनों की अद्दभुत पारी खेल कमजोर मानी जा रही बंगलादेश के सामने ३७१ रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया! जिसमे वी फॉर वीरेंदर सहवाग ने १७५ रनों की मेराथन पारी खेल न केवल भारत को जीत दिलाई बल्कि १९८३ के विश्व कप के हीरो कपिल देव के जिम्बाम्बे के खिलाफ बनाये १७५ रनों की बराबरी की! उनकी इस रिकॉर्ड तोड़ पारी में दूसरे छोर पर साथ दिया विराट कोहली ने! जिन्होंने अपने पहले ही विश्व कप में दर्शकों को शतकीय सलाम भेजा! लक्ष्य का पीछा करते हुए बांग्लादेश ने धेर्य और चार साल पहले मिली जीत का परिचय देते हुए ३७० रनों के जबाब में २८३ रन तक संघर्ष जारी रखकर अपने ऊपर से कमजोर टीम का तमगा हटाने का काम किया! इस संघर्ष में बांग्लादेशी बल्लेबाजी की रीढ़ कहे जाने वाले तमीम इकबाल ने शुरूआती समय में टीम इंडिया के गेंदबाजों की मरमम धुनाई करते हुए ७० रन ठोक डाले! बंगलादेशी कप्तान ने चतुराई भरी पारी खेलते हुए ५५ रनों का योगदान दिया लेकिन वो अपनी टीम की नैया पार लगाने में कारगर साबित नही हुए! पहले दस ओवर में तमीम इकबाल ने श्रीसंथ को लगातार अपने निशाने रखकर उन्हें गेंदबाजी की दिशा से भटका दिया! उनकी बेअसर गेंदबाजी ने उन्हें ५ ओवर में ५३ रन देने पर मजबूर कर दिया! टीम इंडिया की बल्लेबाजी में जहा लगातार सुधार देखने को मिल रहा है! वर्तमान में टीम इंडिया का टॉप बेटिंग आर्डर अन्य टीमों की तुलना में सर्वश्रेष्ठ नजर आ रहा है! वही दूसरी तरफ हमारा गेंदबाजी आक्रमण अपनी धार पूरी तरह खो चूका है!गेंदबाजी की बात करे तो एक भी गेंदबाज ऐसा नही दिख रहा जो अपने दम पर टीम इंडिया को जीत दिला सके! मिनाफ़ पटेल को छोड़ कर सभी गेंदबाज लय से भटकते नजर आ रहे है! जहीर खान जैसे गेंदबाज भी अपने आप को साबित करने में विफल रहे है जबकि श्रीसंथ सबसे ज्यादा दिशाहीन और बेअसर! टीम इंडिया विश्व कप जीतने का सपना लिए विश्व कप रुपी दंगल में ताल तो ठोकता नजर आ रहा है लेकिन गुमशुदा गेंदबाजों के दम पर हमारी ताल खोखली नजर आ रही है!

रोमांचक मैच, नतीजा टाई-बंगलादेश के खिलाफ मिली जीत से उत्साहित टीम इंडिया इंग्लॅण्ड के खिलाफ बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए मैच में जीत का बचाब नही कर पाई लेकिन हार को भी गले नही लगाया! रोमांच से परिपूर्ण मैच में बाजी किसी के हाथ न लग कर टाई की स्थिथि बन गई!साँसे रोक देने वाले इस मैच ने फिर से क्रिकेट को जीत दिला दी! विश्व कप के दुसरे ग्रुप मैच में इंग्लॅण्ड के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया ने क्रिकेट के भगवान् कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के एकदिवसीय मैचों में ४७वें शतक के सहारे ३३८ रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया! जिसमे युवी के तेजतर्रार ५८ रन भी शामिल थे! टीम इंडिया ने इसी के साथ लगातार दूसरी बार तीन सो का स्कोर बनाया! विशाल स्कोर का पीछा करने उतरी इंग्लिश टीम ने कप्तान स्ट्रास व पीटरसन के नेतृत्व में अच्छी शुरुआत करते हुए ९ ओवर में ६८ रन ठोक डाले!२२ गेंदों पर ३१ रन की तेजतर्रार पारी खेलने वाले पीटरसन को मुनाफ पटेल ने अपनी ही गेंद पर कैच आउट किया! पीटरसन के पेवेलियन लौट जाने के बाद ट्राट भी ज्यादा देर नही टिक सके! लेकिन इयान बेल के क्रीज पर आते ही मैच रोमांच के आगोश में समां गया! स्ट्रास व बेल ने भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की धज्जिया उड़ाते हुए तीसरे विकेट के लिए १७० रन जोड़े! ४२वें ओवर तक इंग्लिश टीम का स्कोर २८० रन तक पहुँच चूका था एक समय ऐसा लग रहा था की ये जोड़ी आसानी से मैच को टीम इंडिया के हाथों से छीन लेगी! मैच पूरी तरह शिकंजे से निकल चूका था लेकिन तभी भारतीय गुमशुदा गेंदबाजी के तरकश से जहीर नामक तीर ने मैच के अगले ही ओवर में लगातार दो गेंदों पर स्ट्रौस व बेल को का विकेट लेकर भारत को फिर मैच में ला खड़ा किया! जहीर ने अगले ही ओवर में कोलिगवुड का विकेट भी निकाल कर मैच पर टीम इंडिया का दबदबा बना दिया! मैच में कई बार पासा पलता! कभी गेंद इंग्लिश टीम के पाले में नजर आ रही थी तो कभी टीम इंडिया के! लेकिन अंतिम २ ओवर पूरी तरह रोमांच का हिस्सा बने! यह मैच का ऐसा मोड़ था जब हर कोई प्रसंसक अपनी टीम के लिए दुआ मांग रहा था! अंतिम २ ओवर में इंग्लिश टीम को जीत के लिए २९ रनों की दरकार थी! इस समय ऐसा लग रहा थी की टीम इंडिया ये जंग जीत लेगी! लेकिन पियूष चावला के द्वारा फेंका गया ४९वां ओवर बेहद खर्चीला साबित हुआ! ब्रेसनन व स्वान ने इस ओवर में दो छक्के जड़कर १५ रन बटोर कर १ ओवर में १४ रन का फांसला रख दिया! अंतिम ओवर में रोमांच चरम सीमा को छू गया! अंतिम ओवर की अंतिम गेंद पर २ रन इंग्लिश टीम को बनाने थे लेकिन इस गेंद पर एक रन ही आ सका और इस तरह साँसे रोक देने वाला यह मैच टाई पर आकर समाप्त हो गया! दोनों टीमों के द्वारा किये गए श्रेष्ठ प्रदर्शन ने क्रिकेट की जीत पर मोहर लगा प्रसंसको को विश्व कप का अब तक का सबसे रोमांचक मुकाबले का तोहफा प्रदान किया! अब तक खेले गए विश्व कप में चार मैचों के दौरान ऐसा हुआ है जब जीत किसी भी टीम को न मिल कर टाई की स्थिथि बनी है!टाई के रूप में समाप्त हुए इस मैच ने एक बार फिर भारतीय गेंदबाजी की पोल खोल दी है! गेंदबाजी पर फिर से सवालिया निशान खड़े हो गए है की आखिर कब तक हम सिर्फ और सिर्फ बल्लेबाजों के दम पर ही जीत हासिल करते रहेंगे! क्या हमारी गेंदबाजी अभी भी गुमशुदा है ?

भगवान् के कदम "महाशतक" की ओर- क्रिकेट के भगवान, मास्टर ब्लास्टर ऐसे न जाने कितने उपनाम है जो क्रिकेट जगत और प्रसंसकों ने सचिन तेंदुलकर को उपहार स्वरुप भेंट किये है! इसके बदले सचिन ने भी उन्हें नए रिकॉर्ड के माध्यम से "रिटर्न गिफ्ट" हर मौके पर दिया है! रेकॉर्डो की इसी फेहरिस्त में उनके नाम एक और रिकॉर्ड दर्ज हो गया है विश्व कप में सर्वाधिक शतक लगाने का! टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट में सर्वाधिक शतक जड़ने वाले सचिन ने विश्व कप के दशवें संस्करण में इंग्लिश टीम के खिलाफ १२० रन की लाजबाब पारी खेलकर विश्व कप में पांचवा शतक लगाया! विश्व कप में इससे पहले हमवतन सौरव गांगुली, ऑस्ट्रलियाई रिकी पोंटिंग और मार्क वा चार- चार शतक जड़ चुके है! क्रिकेट के भगवान से अब अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में एक नए रिकॉर्ड" शतकों के महाशतक की उम्मीद प्रसंसक लगाये बैठे है जिसे संभवत वह इसी महाकुम्भ में पूरा करेंगे! फिलहाल उनके नाम टेस्ट में ५१ और वनडे में ४७ शतक के साथ ९८ शतक है!