Thursday, March 25, 2010

ओबैदुल्लाह कप की वापसी से ऐशबाग-रोशन रोशन

भोपाल की हॉकी की शान ओबैदुल्लाह खा कप एक बार फिर आठ साल के लम्बे अंतराल के बाद अपनी चमक बिखेरने को बेक़रार है !हॉकी की नर्सरी कहा जाने वाला भोपाल शहर ओबैदुल्लाह कप का दीदार करने के लिए पूरी तरह अपने शबाब पर है, यदि देखा जाए तो यह भोपाल की हॉकी के स्वर्णिम युग की वापसी होगी !ओबैदुल्लाह कप की यदि बात की जाए तो यह अखिल भारतीय स्तर का टूर्नामेंट अंतिम बार २००२ में खेला गया,लेकिन प्रयोजको के पीछे हटने की वजह से यह आगे अपनी चमक बिखेरने में नाकामयाब रहा, लेकिन आठ साल का लम्बा इन्तजार अब पीछे छूठ चुका है , ओबैदुल्लाह कप फिर से ऐशबाग की शान में चार चाँद लगाने को तैयार है ! भोपाल की
हॉकी में चार चाँद लगाने की इस मुहीम में यदि किसी ने पहल की तो वो और कोई नहीं बल्कि वो शक्श है, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री -शिवराज सिंह चौहान! प्रदेश की हॉकी को नई पहचान देने के लिए उनके द्वारा किया गया ये सराहनीय प्रयास है!
शिवराज सिंह चौहान का दिल हॉकी पे आया , स्वर्णिम युग एक बार फिर लौट आया- हॉकी का हर मैच देखना उसे पसंद है, यही नहीं इसके साथ ही हॉकी की स्टिक और हॉकी के खिलाड़ियों के प्रति उनके दिल में बहुत जगह है एक ऐसा शक्श जिन्होंने प्रदेश की हॉकी को नई जान दी है! हमारा राष्ट्रीय खेल पिछले कुछ समय से काल के ग्रास में समाता जा रहा था वजह थी हॉकी को बढ़ावा देने वालों की, उसके अस्तित्व को बचाने की, लेकिन प्रायोजकों ने हॉकी से ज्यादा महत्व क्रिकेट के खेल को देकर इससे अपना मुँह मोड़ लिया लेकिन शिवराज सिंह चौहान हॉकी की चमक को बरकरार रखना चाहते थे कहीं न कहीं उनका दिल इस खेल पर आ गया था और फिर शुरु हुआ हॉकी का नया युग औबोदुल्ला गोल्ड कप के रुप में। भोपाल हमेशा से हॉकी का गढ़ रहा है और शायद यही वजह थी कि शिवराज सिंह चौहान इस गढ़ को ढहता हुआ नहीं देखना चाहते थे इस खेल को लोगों तक पहुंचाने के लिए और खिलाड़ियों को इस खेल के प्रति प्रेरित करने के लिए उन्होंने हॉकी की इस स्पर्धा की इनामी राशि तीन लाख से बढ़ा कर दस लाख कर दी है, यदि हॉकी को शिवराज सिंह के जैसे ही चाहने वाले मिल जाए तो वो दिन दूर नहीं होगा जब फिर से ओलंपिक में तिरंगा लहरेगा !

नवीन एस्ट्रो टर्फ और दूधिया रोशिनी में होंगे मैच- ओबैदुल्लाह कप की तैयारी पूरी हो चुकी है, ऐशबाग को दुल्हन की तरह सजाया गया! इस बार दर्शको को दूधिया रोशिनी में हॉकी का रोमांच देखने को मिलेगा! ओबैदुल्लाह कप के लिए ऐशबाग़ को को नया रूप दिया गया है , ऐशबाग में पहली बार दर्शको को हॉकी के प्रति प्रेरित करने वाले स्लोगन देखने को मिलेंगे, जो शायद कह रहे है, हॉकी का स्वर्ण युग एक बार फिर लौट आया ! ऐशबाग़ की यदि बात की जाए तो यहाँ २०००० दर्शक हॉकी का आनंद ले सकते है , इस बार हॉकी का रोमांच इतना है की यहाँ भोपाल के बाशिंदे तो हॉकी का लुत्फ़ लेंगे ही साथ ही साथ रीवा,सतना ,जबलपुर ,इंदौर ,ग्वालियर के लोग भी जमा होंगेऔर फिर एक बार वही धुन होगी- चक दे ओ चक दे इंडिया

ओबैदुल्लाह का इतिहास , कुछ बीते हुए कल की बात - ओबैदुल्लाह कप के इतिहास पर नजर डाली जाए तो हमे पता चलता है की भोपाल की हॉकी की गूंज पूरे भारत में थी ! एक जमाना था जब भोपाल को हॉकी का बादशाह कहा जाता था १९३१ में भोपाल ने पहली बार राष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिता में भाग लिया !स्वर्गीय इस्माइल अब्बासी जिन्हें "मास्टर आफ भोपाल हॉकी " और "आर्किटेक्ट आफ भोपाल हॉकी कहा गया को भोपाल हॉकी की बागडौर सौपी ! १९३१ से १९५० तक भोपाल पूरे भारत में हॉकी के बादशाह के नाम से जाना जाने लगा ! कर्नल नवाबजादा रशीद उज जफ़र ने भोपाल वंडर्स नाम से एक टीम बनायीं और मथुरा गोल्ड कप में भाग लेने के लिए वे टीम को लेकर मथुरा पहुचे ! यहाँ उनकी टीम ने पहली बार मथुरा गोल्ड कप जीता और इस जीत से उनके दिमाग में एक उपज पैदा हुई और उन्होंने अपने पिता मोह्सिनुल मुल्क जनरल ओबैदुल्लाह खा की स्मृति में एक हॉकी प्रतियोगिता कराने का निर्णय लिया जिसे ओबैदुल्लाह खा गोल्ड कप का नाम दिया

प्रायोजक -खेल और युवा कल्याण बिभाग (मध्य प्रदेश)

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