Tuesday, September 28, 2010

महिला मुक्केबाजी की सुपरमॉम- मेरी कोम

महिला मुक्केबाजी में एक नही, दो नही, पांच-पांच स्वर्ण पदक जीतना एक महिला खिलाड़ी को उसके खेल के प्रति समर्पित होने का परिणाम दर्शाता है! एम सी मेरी कोम मुक्केबाजी की इस कठिन प्रतिस्पर्धा में अपने आप को पूरी तरह सहज रखती है! जुड़वां बच्चो की माँ मेरी कोम ने विश्व महिला मुक्केबाजी में लगातार पांचवां स्वर्ण पदक जीतकर जाहिर कर दिया की महिला अपने बच्चो का पालन ही नही करती है, बल्कि अपने देश का प्रतिनिधित्व करने में भी सक्षम है! मेरी कोम का शुरूआती सफ़र ही उनकी सफलताओं का आगाज था मणिपुर के एक छोटे से गाँव की ये लड़की जब पहली बार मुक्केबाजी देखने पहुची तो वहा मुक्केबाजी कर रहे कुछ लडको ने मेरी से कहा की ये बच्चो के खेलने का खेल नही है एक पंच तुम्हारी नाक पर पड़ गया तो नाक टूट जायेगी! मेरी ने उसी समय पर सोच लिया की m

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