शतरंज की दुनिया में कई खिताब अपने नाम कर चुके विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ने अपने नाम के अनुरूप खेल का प्रदर्शन करते हुए भारत को शतरंज का बादशाह बनाने में अहम् योगदान ही नहीं दिया है बल्कि वो शतरंज की हर कसोटी पर चेक पे चेक लगा कर विपक्षी को मात देते नजर आये है! ४ बार के विश्व विजेता आनंद सबसे कम उम्र के विश्व विजेता बनने गोरव भी हासिल कर चुके है, विश्व शतरंज प्रतियोगिता २०१० में बुल्गारिया के वेसलिन टोपालोव को हराकर विजेता बने आनंद शतरंज में आनंद की नई दास्ताँ लिखते हुए नजर आ रहे है!शतरंज के मोहरों के बीच आनंद बहुत ही गंभीर न होकर आनंद के साथ हर मुकाबले को अंजाम देते है उनके द्वारा बिछाई गई यह विसात हर खिलाड़ी को नजरअंदाज कर देती है लेकिन आनंद बस आनंद के साथ सब कुछ कर देते है, आखिर ये हमारे भारत के आनंद है!
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