Thursday, May 13, 2010

शतरंज के मोहरों ने लिखी आनंद की दांस्ता

शतरंज की दुनिया में कई खिताब अपने नाम कर चुके विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ने अपने नाम के अनुरूप खेल का प्रदर्शन करते हुए भारत को शतरंज का बादशाह बनाने में अहम् योगदान ही नहीं दिया है बल्कि वो शतरंज की हर कसोटी पर चेक पे चेक लगा कर विपक्षी को मात देते नजर आये है! ४ बार के विश्व विजेता आनंद सबसे कम उम्र के विश्व विजेता बनने गोरव भी हासिल कर चुके है, विश्व शतरंज प्रतियोगिता २०१० में बुल्गारिया के वेसलिन टोपालोव को हराकर विजेता बने आनंद शतरंज में आनंद की नई दास्ताँ लिखते हुए नजर आ रहे है!शतरंज के मोहरों के बीच आनंद बहुत ही गंभीर न होकर आनंद के साथ हर मुकाबले को अंजाम देते है उनके द्वारा बिछाई गई यह विसात हर खिलाड़ी को नजरअंदाज कर देती है लेकिन आनंद बस आनंद के साथ सब कुछ कर देते है, आखिर ये हमारे भारत के आनंद है!

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